
यूं तो भाजपा सरकार ने जन कल्याण और सामाजिक विकास के लिए अनेक योजनाएं चलाई, आदिवासियों के लिए पेसा कानून बनाया और कृषि क्षेत्र में भरपूर तरक्की कर मध्यप्रदेश को नए आयाम पर स्थापित किया है। परंतु पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार प्रयासों को सिरे से नकारना ठीक नहीं है। आज़ादी के बाद बदहाली से जूझ रहे देश को संभालना और पड़ोसियों से लड़ाइयां लड़ते रहना बड़ा मुश्किल था। हालांकि इन विषम परिस्थितियों का जन्मदाता भी तत्कालीन सरकार को ही जाना चाहिए। बहरहाल मध्यप्रदेश में पंडित रविशंकर शुक्ल जी ने प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। प्रदेश की जनता के जीवन की बेहतरी के लिए प्रयास करने के भरपूर प्रयास भी किए, केंद्र की जवाहर सरकार ने भुखमरी से बचाव के लिए उपाय खोज रही थी जबकि उसे समाधान खोजना चाहिए था। समय बीतता गया, जैसे देश कच्छप गति से आगे बढ़ रहा था ठीक ऐसे ही मध्यप्रदेश शनै: शनै: चलता रहा। दसकों का लंबा समय बीता और समय ने करवट बदली केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी और अटल बिहारी वाजपेई जी प्रधानमंत्री बने। ठीक ऐसा ही कुछ बदलाव मध्यप्रदेश में हुआ क्योंकि कांग्रेस सरकार के बेहतरीन विकास से जनता ऊब चुकी थी, ना कोई स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा की लचर व्यवस्था, उद्योग धंधे से दूरी, आधुनिक तकनीकों से दूरी, और तो और बिजली और सड़क तो इतनी उन्नत थीं जो अदृश्यमान रहती थीं। सड़कों का कोई अता पता नहीं लगा सकता था। बरसात के दिनों में ‘जनता’ कीचड़ में सनती रहती थी और ‘जनार्दन’ शीशमहल से सरकार चलाते थे। उमा भारती ने मध्यप्रदेश में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री के रुप में मध्य प्रदेश की तरक्की की शपथ ग्रहण की। तत्पश्चात शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर जो भी किया, आज मध्यप्रदेश का डेवलपमेंट स्टेटस और मध्यप्रदेश की जनता का जीवन स्तर इस बात के प्रमाण हैं कि जो प्रयास आज़ादी के 60 साल बाद भाजपा की सरकारों ने किया अगर वही प्रयास तब की कांग्रेस सरकारों ने किया होता तो आज मध्यप्रदेश और भारत की दशा और दिशा निसंदेह आज से बेहतर होती। लेकिन कांग्रेस ने जनता को अपना गुलाम समझा और देश – प्रदेश की संपत्ति को अपनी बपौती । अंग्रेजी हुकूमत ने देश को छोड़ा तो कांग्रेस ने देश को जीभर के लूटा। गरीबी हटाओ का नारा देकर गरीब जनता का हक खा गए, अरबों करोड़ रुपयों के घोटाले कर अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर डकार गए।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के शासनकाल में एक अतिगरीब और बीमारू राज्य था, जो देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ था, अब आप इसी बात से समझ लीजिए कि कांग्रेस की सरकार और भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली और विचारधारा में कितना अंतर है। आज भी आप जहां कांग्रेस की सरकार है वहां आपराधिक मामले और दंगे फसाद की वारदातें खुलकर सामने आ रही हैं, वहीं भाजपा शासित राज्यों में छुटपुट घटनाओं के अलावा कोई दंगा नहीं।
मध्यप्रदेश से नक्सलवादी और सिमी आतंकी नेस्तनाबूत कर दिए गए। 2016 में जेल की दीवार फांदकर भाग रहे सिमी आतंकियों को प्रदेश के तत्कालीन गृहमंत्री के भूपेंद्र सिंह के निर्देशन में मध्यप्रदेश की शांति व्यवस्था के लिए नासूर बन चुके इन सभी आतंकियों को एनकाउंटर में मध्यप्रदेश पुलिस ने मार गिराया। तब के निर्भीक, आत्मविश्वासी और गंभीर गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह जिन्हें उनके चाहने वाले भूपेंद्र भैया बुलाते हैं, एक सहज और अत्यंत सरल व्यक्तित्व के प्रभावशाली नेता हैं जो मध्यप्रदेश की विधानसभा सीट क्रमांक – 36, खुरई (सागर) से लगातार दो बार से विधायक हैं, इससे पूर्व वह सागर जिले के ही सुरखी विधानसभा क्षेत्र (37) से भी विधायक रहे हैं। भूपेन्द्र सिंह सागर लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। मध्यप्रदेश की राजनीति में भूपेन्द्र सिंह अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। अपने गंभीर स्वभाव और प्रभावशाली व्यक्तित्व के साथ ही जनसेवा और विकास की प्राथमिक विचारधारा उन्हें एक सफल राजनेता बनाती है। भूपेन्द्र सिंह खुरई विधानसभा क्षेत्र में अपने दो कार्यकालों के दौरान चहुंमुखी विकास कार्यों से खुरई का नवनिर्माण कर दिया है। खुरई वासी तो ठीक है, सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भूपेंद्र सिंह को ‘विकास पुरुष’ की संज्ञा दे दी है।
मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने अपने खुरई क्षेत्रवासियों के लिए हर गली में सीमेंट की पक्की सड़क, पक्की नालियां, पेवरब्लॉक के फुटपाथ, चौपाटी, फूड कोर्ट, चौपाटी, शानदार बीटी सड़कें, आधुनिक शिक्षा हेतु उन्नत स्कूल और आधुनिक शैक्षणिक संसाधन, गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग सेंटर, गरीब बेटियों और महिलाओं के लिए रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण केंद्र, अतिगरीबों के लिए मात्र ₹5 में भोजन की थाली की व्यवस्था, विधानसभा क्षेत्र के सभी नगरों में महाविद्यालयों की स्थापना, क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों को सुविधासंपन्न बनाया उनका उन्नयन भी किया। हाल ही में अपनी तरह का पहला इन्वेस्टर्स समिट कर खुरई क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर ला दिए, भूपेंद्र सिंह के प्रयासों से खुरई में तहसील स्तर का पहली इन्वेस्टर्स समिट हुई जिसमें 2000 करोड़ के एमओयू साइन कर खुरई की प्रगति के लिए अकारोबारियों अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। क्षेत्र के किसानों के लिए बिना नदी वृहद सिंचाई परियोजना परियोजना के माध्यम से किसानों के खेत में पानी पहुंचाने की जीतोड़ मेहनत भी रंग लाई और परियोना का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण होने को है, जिससे न केवल खुरई बल्कि लाखों किसानों की समृद्धि का द्वार खुलेगा। खुरई क्षेत्र के बेटे बेटियों के लिए पुस्तकालय, पृथक जिम, इंदोर खेल के की सुविधाओं के साथ आउटडोर खेल के शानदार मैदान का निर्माण कराकर भूपेंद्र सिंह ने विकास की शानदार इबारत तो लिखी ही है, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के गृह निर्माण में शानदार प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से सम्मानित भी हो चुके हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पूरे मध्यप्रदेश में सर्वाधिक प्रधानमंत्री आवास खुरई के नगरीय क्षेत्रों में बने हैं। हाल ही में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू जी ने स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का खिताब भी प्रदेश सरकार के नगरीय विकास विभाग को दिया, यह संयोग है या कुछ और लेकिन भूपेंद्र सिंह को जिस भी विभाग का मंत्री बनाया गया, उस विभाग ने देश में पूरे मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो अपने विधानसभा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कार्यों के साथ शासन में मंत्री होने के नाते पूरे प्रदेश में अपने प्रशासनिक कौशल और नेतृत्व क्षमता से शानदार काम किया है। राजनीति के कुशल प्रबंधन और विकासपरक कार्यशैली के सकारात्मक परिणाम से मध्यप्रदेश सरकार में भूपेंद्र सिंह सबसे सफल मंत्री के रूप में देखे जा सकते हैं, जिन्होंने युवा, किसान, वरिष्ठ नागरिक, पर्यावरण, उद्योग, रोजगार, विपणन, आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पेय जल,गरीब के भोजन, गौसेवा आदि के सामेकित विकास पर काम किया है।